कोलकाता। भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया ने कहा है कि दो क्लबों के विलय से बने एटीके मोहन बागान को चलाने की जिम्मेदारी पेशेवर लोगों की होनी चाहिये। भूटिया ने कहा कि अगर आप बिना किसी हस्तक्षेप के इसे चलाएंगे तो तभी ये विलय का प्रयोग सफल होगा। पूर्व में बागान के सलाहकार रहे भूटिया ने कहा, ‘‘ अब जरूरी यह है कि पेशेवर लोगों की नियुक्ति हो और वे इसे चलाये। वहीं अगर क्लब के निदेशक इसे चलाने की कोशिश कर रहे हैं और कोच और प्रबंधन के साथ हस्तक्षेप करते रहते हैं तो मुझे लगता है कि यह सफल नहीं होगा।’’एटीके शुरुआती वर्षों में सलाहकार रहे भूटिया ने कहा, ‘‘उन्होंने पहला कदम ले लिया है, अब पेशेवरों को नियुक्त करने का समय है जो क्लब का संचालन करें। मुझे विश्वास है कि बागान के संजीव गोयनका ऐसा ही करेंगे करेंगे। एक सफल व्यवसायी होने के कारण वह जानते है कि सही लोगों को सही जगह पर कैसे लाया जाए।’’क्लब के बोर्ड की पहली बैठक में लाल और हरे रंग की जर्सी को बरकरार रखने के साथ मोहन बागान के लोगो (प्रतीक) नाव को बरकरार रखने का फैसला किया गया। इसे शानदार कदम बताते हुए इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ अब यह क्लब के पास है कि वह इसे प्रशंसकों के पास कैसे ले जाते है। मुझे नहीं पता कि प्रशंसक इसे कैसे लेंगे लेकिन पहचान को बरकरार रखने के लिए मोहन बागान की जर्सी के रंगों को बरकरार रखना जरूरी था। उन्होंने लोगो को भी बरकरार रखा है जो अच्छा कदम है।’